Sunday, August 21, 2011

वैक्सीन के तापमान पर है वायरलेस सिस्टम की नजर .

भोपाल, 29 जून। टीकाकरण के लिए प्रयुक्त होने वाले वैक्सीन को निर्धारित तापमान पर सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती है। अभी तक इसके लिए तापमान पर सीधी नजर रखनी पड़ती थी, लेकिन भोपाल में वायरलेस सिस्टम के जरिए तापमान को नियंत्रित किया जाने लगा है। मध्य प्रदेश देश उन राज्यों में से है, जहां वैक्सीन के तापमान को नियंत्रित करने के लिए वायरलेस सिस्टम की मदद ली जा रही है। सेहतमंद बचपन के लिए बच्चे को जन्म से दो साल की उम्र के बीच छह टीके लगाए जाते हैं, ताकि खसरा, टीबी, पोलियो सहित अन्य बीमारियां असर न डाल सकें। टीकाकरण में प्रयुक्त होने वाली दवा (वैक्सीन) को निर्धारित तापमान पर रखा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि निर्धारित तापमान पर न रखे जाने से वैक्सीन बेअसर हो जाती है। इतना ही नहीं, उसका बच्चे पर प्रतिकूल असर तक पड़ सकता है। वैक्सीन को जिस फ्रीजर में रखा जाता है, उस पर अभी तक सीधे व्यक्ति (मैनुअली) नजर रखता था, परंतु भोपाल के किलोल पार्क स्थित वैक्सीन स्टोर में वायरलेस सिस्टम के जरिए नजर रखी जा रही है। प्रदेश कोल्ड चेन के प्रभारी डा. विपिन श्रीवास्तव ने बताया है कि मुम्बई की एक कम्पनी द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर की बदौलत तापमान पर आसानी से नजर रखी जा रही है। बच्चों के लिए कार्य करने वाली संस्था यूनिसेफ व इंदिरा गांधी मुक्त विश्वद्यालय द्वारा नियमित टीकाकरण पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत मंगलवार को मीडिया जगत से जुड़े लोगों ने वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए अपनाई गई नई तकनीक का जायजा लिया। श्रीवास्तव ने को बताया कि वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए इलेक्ट्रॉनिक लॉगर काफी मददगार साबित हो रहा है। वह बताते हैं कि कहीं भी रहकर कंप्यूटर पर देखकर फ्रीजर के तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन होना जरुरी होता है। उन्होंने बताया कि आगामी समय में प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी इसी तकनीक के जरिए वैक्सीन के तापमान पर नजर रखी जाएगी। ऐसा हो जाने पर कही भी रहते हुए फ्रीजर के तापमान को नियंत्रित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया है कि देश में मुम्बई के अलावा राजस्थान में इस तकनीक के जरिए वैक्सीन को रखने वाले फ्रीजर के तापमान को नियंत्रित किया जाता है। अब मध्य प्रदेश ऐसा राज्य हो गया है जहां इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। मीडिया के दल ने जेपी अस्पताल में टीकाकरण को देखा, साथ ही मिसरौद के बगली गांव में चल रहे टीकाकरण में लगी आशा कार्यकर्ता व एएनएम से भी चर्चा की तथा टीकाकरण में आने वाली परेशानियों को जाना।

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